आयुर्वेद:- गैस, एसिडिटी , पेट में जलन, पेट के अल्सर, आदि पित्त दोष के बढ़ने के लक्षण है। ऐसे ठीक करें Permanent Cure Of Gas, Acidity, Heart Burning, etc.

Gas, Acidity, Heart Burning, Piles Bleeding Permanent Cure


गैस, पेट में जलन, एसिडिटी, पाइल्स कितना दर्दनाक होता है यह वही महसूस कर सकता है जो इस बीमारी से जूझ रहा है 

वह इंसान अलग-अलग डॉक्टर के पास ज्यादा है अलग-अलग दवाइयां खाता है लेकिन वह हर जगह से निराश होता है क्योंकि उसकी बीमारी का जड़ से निवारण कहीं नहीं होता है

इस आर्टिकल में इसे जड़ से खत्म करने के तरीके के बारे में जानेंगे।


पित्त दोष ज्यादा बढ़ने से पेट में जलन और ब्लीडिंग हो सकती है


पित्त दोष शरीर की अग्नि है जो पाचन, मेटाबॉलिज्म और दिमाग के कार्य- शक्ति में अपना बहुमूल्य योगदान देता है जब यह शरीर में आवश्यकता से अधिक हो जाता है तो शरीर में गर्मी बढ़ जाती है गर्मी बढ़ने से फोड़े-फुंसी, पिंपल, एक्ने, ब्लीडिंग या गुदा द्वार से खून आना आदि समस्याएं होने लगती है।


इन चीजों से बढ़ती है बॉडी हीट और ब्लीडिंग


मिर्च, तीखा, खट्टे और नमकीन टेस्ट का खाना पित्त को बढ़ाता है, चाय- कॉफी, प्रोसैस्ड, पैक्ड और चाइनीस फूड आइटम्स भी पित्त को बढाकर उसे दूषित करते हैं, अचार, दही, पनीर, सिरका, खटाई, ऐलकोहल, अंडे, नॉन वेज से भी पित्त बढ़ता है।  


शरीर में पित्त दोष बढ़ने से होने लगती हैं ये बीमारियां


गर्मी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं, ब्लड शुगर कम हो जाता है, एसिडिटी, हार्ट बर्न, पेट के अल्सर, डायरिया, मुंह से बदबू, बुखार, रात में पसीने आना, लाल आंखें, नाक और गुदा द्वार से खून आना

बढ़े हुए पित्त के कारण पसीना बहुत आता है, शरीर से दुर्गंध भी आती है, पिंपल-एक्ने भी होने लगते हैं, फोड़े-फुंसी और मुंह के मुंह के छाले, पेट में घाव, एसिडिटी, बहुत ज्यादा भूख लगना, पेट में जलन, आंख और पेशाब का कलर पीला होना, गुस्सा और चिड़चिड़ापन आदि

पित्त दोष के बढ़ने के लक्षण है।


बड़े हुए पित्त दोष में खाएं ये चीजें


गोंद कतीरा, सौंफ और मिश्री का पानी, चावल का पानी, घड़े का पानी,

नारियल पानी, तरबूज, खरबूज, पपीता, मीठे अंगूर आदि

कच्चे और खट्टे फल न खाएं।

सब्जियां- करेला, तोरी, लौकी, कद्दू, खीरा, ककड़ी, स्प्राउट, करेला, पत्ता गोभी, फूलगोभी, मटर, मशरूम, पत्तेदार सब्जियां आदि

धनिया पत्ता, पुदीना पत्ता, नीम का पत्ता आदि भी है बहुत लाभदायक।

अनाज- रोटी, चावल, ओट्स, मिलेट्स, दालें, हरी मूंग, चना आदि।


मीठा, कड़वा और क्षारीय टेस्ट का भोजन पित्त को कम करके इसे संतुलित रखता है।

 

शरीर और रहने की जगह को ठंडा रखें


कूलर पंखे की मदद से खुद को ठंडा रखें ध्यान रखें इसलिए सूरज की रोशनी, गर्म पानी, गर्म खाना, गुस्सा, तनाव आदि से बचें यह आपकी प्रॉब्लम बढ़ाते हैं शरीर पर ठंडा तेल जैसे नारियल तेल या कोई ठंडा तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।


धूप में बाहर न निकलें


धूप और गर्मी से खुद को बचाएं, सफ़ेद, सूती और ढीले कपड़े पहने यह आपको कूल रखने में मदद करेगा।







अस्वीकरण- हमारे पृष्ठों की सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए प्रदान की जाती है यह किसी भी तरह से विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है इसलिए आपको इस जानकारी के आधार पर किसी कार्रवाई को लेने

से पहले प्रासंगिक पेशेवर या विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करनी होगी


 

Himanshu Yadav

Hello! I am a Medical Nutritionist and Ayurveda Expert. My aim is to educate people about evidence based nutrition, treating diseases without harmful drugs, aware people about medical frauds. Nowdays allopathic industry is killing humanity just to make more and more money so best way to deal this is - BE YOUR OWN DOCTOR. We are helping you in this process, Thank you so much.

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म