गर्मी के मौसम में ऐसी होनी चाहिए दिनचर्या Ayurvedic Daily Health Regimen In Summer Season

Daily Health Regimen In Summer Season


इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं गर्मी की एक ऐसी दिनचर्या जो आपको हमेशा स्वस्थ रखेगी।


सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें (Wake Up In Brahm Muhurt)


आयुर्वेद कहता है सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने से स्वस्थ शरीर और सुखी जीवन मिलता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को सुबह सूर्योदय के 48 मिनट पहले ही उठ जाना चाहिए यह उसके स्वास्थ्य को जीवन पर्यंत अच्छा रखने के लिए बहुत जरूरी है।


शौंच विधि (Cleansing Methods)


शौंच के समय ताजे पानी से गुदा द्वार को साफ करें। टिशू पेपर का इस्तेमाल न करें। टिशू पेपर से साफ करने से गुदा और आंतों में गर्मी बनी रहती है यह अच्छा नहीं होता। सुबह ठन्डे पानी से गुदाद्वार (Anus) और शिश्न (Penis) धोएं और उस पर पानी की धार डालें ऐसा करने से गर्मी के मौसम में यौन अंग स्वस्थ और जवान बने रहते हैं और ऐसे करने से पित्त दोष यानि शरीर की गर्मी, स्वप्नदोष आदि धातु रोगों से भी छुटकारा मिलता है।


Link- पित्त दोष को ऐसे संतुलित करें


दांत साफ करने की विधि (Tooth Cleansing)


आयुर्वेद दातून से दांत साफ करने की सलाह देता है आयुर्वेद में इन पेड़ों की दातून इस्तेमाल किया जाता है।

  • नीम
  • बबूल
  • अर्जुन
  • बरगद
  • मदार
इन पेड़ों के दातून का टेस्ट कड़वा और क्षारीय होता है जो कि गर्मी के दिनों में पित्त को शांत करने के लिए अच्छा है।


इन बीमारी में ना करें दातून (Contra indication of brushing teeth)

अपच, उल्टी, अस्थमा, खांसी, बुखार, प्यास, मुंह के छाले, दिल की बीमारी, आंखों की बीमारी, सिर और कान की बीमारी आदि इन बीमारियों में आयुर्वेद दातुन करने को मना करता है।


टूथपेस्ट और मंजन का इस्तेमाल (Use of Toothpaste and Toothpowder)


आजकल हम सभी शहरी हो या ग्रामीण सभी ज्यादातर टूथपेस्ट या मंजन का इस्तेमाल करते हैं जो की सही भी है लेकिन एक अच्छे केमिकल फ्री आयुर्वेदिक टूथपेस्ट और मंजन का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है।

बाजार से टूथपेस्ट खरीदते समय उसके इनग्रेडिएंट को जरूर देखें कहीं उसमें खतरनाक केमिकल तो नहीं है।

ऑयल पुलिंग (Oil Pulling)


ब्रश या दातून करने से पहले एक से दो चम्मच नारियल का तेल मुंह में लेकर उसे अंदर लगातार घूमते रहे 5 से 10 मिनट बाद उसे बाहर थूककर ब्रश कर सकते हैं यह दांत, जीभ, होठ, जीभ और गालों को स्वस्थ और चमकदार बनाता है। शरीर की गंदगी को जीभ सक्शन की तरह बाहर निकाल कर तेल के साथ-साथ बाहर फेंक देती है।


व्यायाम और जिम (Exercise)


आयुर्वेद में गर्मी के मौसम में जिम और हैवी वर्कआउट करने को मना किया जाता है क्योंकि गर्मी के मौसम में ऐसा करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है और वातावरण पहले से ही गर्म होता है जो कि शरीर में असंतुल ला देता है। जिससे मसल लॉस हो सकता है। शरीर में गर्मी बढ़ने से पिंपल, एक्ने, डायरिया, बालों का पकना, गुदाद्वार से खून बहना आदि समस्याएं होने लगती हैं।

गर्मी के मौसम में हल्के व्यायाम है पर्याप्त (Light Exercise is good in summer season)


सुबह हल्के योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। भ्रामरी प्राणायाम और धीरे-धीरे सांस लेने और सांस छोड़ने वाला प्राणायाम गर्मी के मौसम के लिए बेस्ट है।

 

शरीर की मालिश या अभ्यंग (Body massage)


गर्मी के मौसम में मालिश ना करें तो बढ़िया लेकिन अगर त्वचा रूखी रहती है हड्डियों में कट कट की आवाज आती है शरीर की हल्की मालिश कर सकते हैं गर्मी के दिनों के लिए नारियल तेल सर्वोत्तम होता है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।


ये लोग न करें मालिश (Contraindication of body massage)


वजन बढ़ा हुआ है तो मालिश आपकी प्रॉब्लम और बढ़ा सकता है यह शरीर को और भारी कर सकता है। उल्टी, अपच में मालिश ना करें


अच्छे और केमिकल फ्री साबुन से नहाए (Use chemical free soap)


मालिश करने के 1 से 2 घंटे बाद स्नान करें। अच्छे लेकिन केमिकल फ्री साबुन का इस्तेमाल करें।


ऐसा करें भोजन (Eat this in summer)


मीठा, कड़वा और क्षारीय भोजन शरीर को कूल रखने में मदद करता है। जबकि तीखा, खट्टा और नमकीन भोजन गर्मी यानि पित्त को बढ़ाता है।




अस्वीकरण- हमारे पृष्ठों की सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए प्रदान की जाती है यह किसी भी तरह से विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है इसलिए आपको इस जानकारी के आधार पर किसी कार्रवाई को लेने

से पहले प्रासंगिक पेशेवर या विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करनी होगी



Himanshu Yadav

He is certified medical nutritionist from Lincoln University Malaysia. He also worked for hospital and healthcare in radiology department. At hospital he observed that the doctors do not recommend diet and lifestyle modification even in simple diseases, that bring author to understand Nutrition, Natural science and Ayurvedic science. He loves to read and write about health and wellness. He is also passionate to treat diseases with out harmful drugs.

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