एंटी-एजिंग के चक्कर में किडनी खराब! शेफाली जरीवाला के बाद अब श्रेया भी बनी शिकार
आजकल युवा अपनी त्वचा को जवां बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं यहां तक कि वे अपनी सेहत से समझौता करने से भी नहीं हिचकिचाते। 24 वर्षीय श्रेया कोहली (बदला हुआ नाम), जो मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करती है और हाल ही में एंटी-एजिंग इंजेक्शन के कारण उसकी किडनी बुरी तरह खराब हो गई।
हर हफ्ते ले रही थी ग्लूटाथायोन इंजेक्शन
अपनी त्वचा को गोरा और जवां दिखाने के लिए श्रेया हर हफ्ते ग्लूटाथायोन (Glutathione) नामक इंजेक्शन ले रही थी। यह सिलसिला वह मुंबई के एक क्लीनिक में कई हफ्तों से चला रही थी।
लेकिन कुछ समय बाद उसके शरीर में थकान, सूजन और उल्टी जैसे गंभीर लक्षण दिखने लगे। जब उसने अस्पताल में जांच कराई, तो सामने आया कि उसकी किडनी में ज़हरीले रसायनों के कारण गंभीर डैमेज हो चुका है।
डॉक्टरों ने बताया - हेवी मेटल्स से हुआ किडनी फेल
अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अमित जैन ने बताया कि श्रेया की किडनी में जो डैमेज हुआ है, वह इंजेक्शन में मौजूद भारी धातुओं (हेवी मेटल्स) के कारण हुआ है। अब उसे हफ्ते में तीन बार डायलिसिस कराना पड़ रहा है, और उसकी किडनी दोबारा ठीक होने में लंबा समय लगेगा।
शेफाली जरीवाला की मौत ने बढ़ाई चिंता
बिग बॉस 13 की कंटेस्टेंट और एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने भी एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेफाली पिछले 10 सालों से ग्लूटाथायोन इंजेक्शन ले रही थीं। आशंका जताई जा रही है कि लंबे समय तक इंजेक्शन लेने के चलते ब्लड प्रेशर ट्रिगर हुआ, और इसी कारण उन्हें हार्ट अटैक आया।
दुल्हनें भी ले रही हैं यह जानलेवा इंजेक्शन
आजकल कई ब्राइड्स भी अपनी शादी से पहले "ग्लोइंग स्किन" पाने के लिए ग्लूटाथायोन इंजेक्शन ले रही हैं।
सोशल मीडिया पर एक्टर्स और इंफ्लुएंसर इन प्रोडक्ट्स को खुलेआम प्रमोट करते हैं, जिससे आम लोग इनकी सच्चाई जाने बिना इनका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं -बिना किसी मेडिकल सुपरविजन के।
बिना रेगुलेशन के बिक रहे हैं ये खतरनाक इंजेक्शन
ग्लूटाथायोन, बोटॉक्स, विटामिन कॉकटेल्स और पेप्टाइड जैसे इंजेक्शन अब स्पा, सैलून और वेलनेस क्लिनिक में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं - बिना किसी सरकारी निगरानी या मेडिकल रेगुलेशन के।
इसका खामियाजा अब लोगों को अपनी जान और किडनी से चुकाना पड़ रहा है।
इन केमिकल्स को "ड्रग" की श्रेणी में लाना होगा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स को सिर्फ ब्यूटी ट्रीटमेंट मानना घातक भूल है। इन्हें दवाइयों की श्रेणी में रखकर सख्त निगरानी में बेचा जाना चाहिए। ये सिर्फ आपकी त्वचा नहीं, आपकी जान भी ले सकते हैं।
निष्कर्ष
खूबसूरती की चाह में की गई लापरवाही आपको ज़िंदगीभर की बीमारी दे सकती है। कोई भी इंजेक्शन या केमिकल प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और सोशल मीडिया के झूठे प्रचार से सावधान रहें।
सौंदर्य से पहले स्वास्थ्य ज़रूरी है!
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