जापान के लोगों की ये 7 अच्छी आदतें जिन्हें हर भारतीय को अपनानी चाहिए 7 Good Habits Of Japanese People That Every Indian Should Adopt

7 Good Habits Of Japanese People That Every Indian Should Adopt

जापान के लोगों की ये 7 आदतें, जिन्हें हर भारतीय को अपनाना चाहिए(7 Good Habits Of Japanese People That Every Indian Should Adopt)


आज के समय में हमारी जीवनशैली में काफी बदलाव आ चुका है। लोग देर रात तक खाना खाते हैं, पार्टियाँ करते हैं और पुरानी जीवनशैली तथा आदतों को भूलते जा रहे हैं। इन बदलावों के कारण बीमारियाँ भी तेजी से बढ़ रही हैं।

लेकिन जापान एक ऐसा देश है, जो अपनी जीवनशैली, नियमों और संतुलित खानपान के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। जापानी लोग आज भी प्रकृति और परंपराओं से जुड़े हुए हैं। 

इस लेख में हम जापानियों की 7 ऐसी आदतों के बारे में जानेंगे, जिन्हें अगर भारतीय भी अपनाएं, तो स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

1. थोड़ा खाना, ज्यादा लाभ (Eat Less, Gain More)

जापानी लोग हमेशा सीमित मात्रा में खाना खाते हैं, लेकिन उनके भोजन में सभी जरूरी पोषक तत्व शामिल होते हैं। उनकी थाली में चावल, मौसमी सब्जियाँ, प्रोटीन और किण्वित (फर्मेंटेड) खाद्य पदार्थ होते हैं। इस तरह का भोजन न केवल संतुलित होता है, बल्कि ओवरईटिंग (अधिक खाने) से भी बचाता है, जिससे पाचन और मेटाबॉलिज्म सही रहता है।

2. 80% फुल रूल (हरा हाची बु) 80% (Full Rule- Hara Hachi Bu)

ओकिनावा, जापान की एक प्रसिद्ध जीवनशैली फिलॉसफी है "हरा हाची बु" - इसका अर्थ है कि व्यक्ति केवल तब तक खाए, जब तक वह 80% पेट भरा महसूस करे। इसके बाद खाना बंद कर देना चाहिए। यह आदत मोटापा, सुस्ती और पाचन संबंधी समस्याओं से बचाती है।

3. बिना जिम मेंबरशिप के व्यायाम (Living Life with 'Ikigai')

जापानी लोग रोज़मर्रा के कामों में ही शारीरिक गतिविधि शामिल करते हैं, जैसे—पैदल चलना, साइकिल चलाना, बागवानी करना आदि। इस कारण उन्हें अलग से जिम जाने की ज़रूरत नहीं होती। भारत में भी योग, नृत्य और पारंपरिक व्यायाम की परंपरा बहुत पुरानी है, जिसे अपनाकर हम भी फिट रह सकते हैं।

4. 'इकीगई' के साथ जीवन जीना (Connection with Nature)

'इकीगई' जापानी जीवन का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिसका अर्थ है — “जीवन का उद्देश्य।” जापानी लोग अपने कार्य, शौक और रिश्तों में अपने जीवन का उद्देश्य खोजते हैं। इससे मानसिक तनाव कम होता है और जीवन अधिक संतुलित और सुखमय बनता है। भारत में भी आध्यात्म, पारिवारिक मूल्य और सेवा की भावना इसी तरह की शांति और उद्देश्य का स्रोत हो सकते हैं।

5. प्रकृति से लगाव (Connection With Nature)

जापानी लोग प्रकृति के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। वे समय निकालकर बागवानी करते हैं, जंगलों में सैर करते हैं और प्रकृति के साथ समय बिताते हैं। भारत में भी ध्यान, मंत्र जप, मंदिर जाना और प्रकृति के बीच समय बिताना मानसिक शांति के लिए हमेशा से उपयुक्त रहा है।

6. घर का ताज़ा और संतुलित खाना (Fresh and Balanced Homemade Food)

जापान में लोग ज्यादातर घर का बना हुआ भोजन करते हैं। वहां खाने में सादगी और पोषण का ध्यान रखा जाता है। भारत में भी आयुर्वेद में घर के बने स्वच्छ भोजन जैसे स्प्राउट्स, दलिया, दाल-चावल, रोटी-सब्ज़ी, अचार और चटनी को स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

7. ध्यानपूर्वक और धीरे-धीरे खाना (Eating Mindfully And Slowly)

जापानी लोग खाने को ध्यानपूर्वक और धीरे-धीरे खाते हैं। इससे न केवल पाचन तंत्र बेहतर होता है, बल्कि मस्तिष्क और इंद्रियाँ भी भोजन का पूरा अनुभव कर पाती हैं। इससे डायबिटीज़, हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से भी बचाव होता है।

अतिरिक्त आदत – नींद को महत्व देना (Valuing sleep)

जापानी लोग नींद को अत्यधिक महत्व देते हैं। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद वे दोपहर में भी थोड़ी देर झपकी लेते हैं। यहां तक कि कई ऑफिसों में भी दोपहर में आराम करने की अनुमति होती है। इससे शरीर और मस्तिष्क दोनों पुनः ऊर्जा से भर जाते हैं, और व्यक्ति दिन के दूसरे हिस्से में भी सक्रिय बना रहता है।

निष्कर्ष:

जापानी जीवनशैली की ये आदतें न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में भी मदद करती हैं। हम भारतीय यदि इनमें से कुछ आदतों को भी अपनाएं, तो निश्चित ही हमारा जीवन अधिक स्वस्थ, सुखद और अनुशासित हो सकता है।


अस्वीकरण- हमारे पृष्ठों की सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए प्रदान की जाती है यह किसी भी तरह से विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है इसलिए आपको इस जानकारी के आधार पर किसी कार्रवाई को लेने से पहले प्रासंगिक पेशेवर या विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करनी होगी




Himanshu Yadav

He is certified medical nutritionist from Lincoln University Malaysia. He also worked for hospital and healthcare in radiology department. At hospital he observed that the doctors do not recommend diet and lifestyle modification even in simple diseases, that bring author to understand Nutrition, Natural science and Ayurvedic science. He loves to read and write about health and wellness. He is also passionate to treat diseases with out harmful drugs.

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