अंग्रेजी दवाइयां खाते-खाते पाचन खराब रहने लगा है ऐसे ठीक करें (Excess Consumption Of Allopathic Medicines Leads To Digestive Disorders, Cure These Complications By This Way.)
दोस्तों अंग्रेजी डॉक्टर सभी तरह की बीमारियों को दवाइयां से ही ठीक करना चाहते हैं। उन्हें न्यूट्रिशन और खान-पांन से बीमारी ठीक करना नहीं सिखाया जाता।
इस दुनिया में बहुत कम अंग्रेजी डॉक्टर मिलेंगे जो आपको सही खान-पान और जीवन शैली में बदलाव करने के लिए बोलेंगे। वह मरीज को लम्बी-लम्बी अवधि की दवाइयां खिलाते हैं, बिना यह जाने समझे कि यह लंबी दवाइयां उसके शरीर में गंभीर साइड इफेक्ट करेंगी और उसके लिवर और किडनी जैसे बॉडी ऑर्गन को कमजोर करेंगी।
इस आर्टिकल में हम अंग्रेजी दवाइयां के नुकसान और उनसे हुए नुकसान की भरपाई के बारे में जानेंगे।
सभी अंग्रेजी दवाइयां करती हैं साइड इफेक्ट (All Allopathic Medicines Can Cause Side Effects)
दोस्तों दुनिया में आज तक ऐसी कोई अंग्रेजी दवाई नहीं बनी है जिसका शून्य साइड इफेक्ट हो।
अंग्रेजी दवाइयां हर हाल में कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट करती ही है। हमारे शरीर में यह दवाइयां फायदा करें या ना करें लेकिन नुकसान जरूर कर देती हैं।
अस्पताल में मरीज भर्ती होता है निमोनिया के लिए लेकिन उसका लीवर और किडनी फेल हो जाता है (The patient is admitted to the hospital for pneumonia, but his liver and kidneys have failed.)
दोस्तों अगर आप अंग्रेजी अस्पतालों में जाकर, दिमाग खोलकर थोड़ी रिसर्च करेंगें तो पाएंगे कि आई सी यू तथा वार्ड में सीरियस बोलकर भर्ती किए जाने वाले मरीजों में डिस्चार्ज यानी अस्पताल में छुट्टी के बाद कोई ना कोई नई बीमारी मिलेगी,
जैसे अगर किसी मरीज को निमोनिया के लक्षण की वजह से भर्ती किया गया है और उसका लंबा खतरनाक ट्रीटमेंट चला है तो उसको पीलिया, लिवर फेलियर, किडनी फेलियर, कम यूरीन आउटपुट, थकान आदि बीमारी होने के चांस हो सकते हैं।
क्या आपका भी किसी अंग्रेजी दवाई का लंबा ट्रीटमेंट चला है।(Have you also undergone a long treatment with any English (allopathic) medicine)
अगर आपका भी किसी अंग्रेजी दवाई का लंबा कोर्स चला है तो यह आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं है।
आपके शरीर में मौजूद लीवर और किडनी लगातार इन खतरनाक केमिकल्स को फिल्टर करते रहते हैं। इसकी वजह से हो सकता है अभी आपको खास कोई परेशानी ना दिख रही हो,
लेकिन इन अंगों पर अंदरूनी प्रभाव पड़ चुका है उसे ठीक करना बहुत जरूरी है।
जो इस तरीके के खान-पान से यह ठीक हो जाता है।
अंग्रेजी दवाओं के हुए नुकसान से खुद को ऐसे बचाएं
जो हुआ सो हुआ आगे ध्यान रखें कि अपना कोई भी ट्रीटमेंट अंग्रेजी दवाई या एलोपैथिक सिस्टम से नहीं करें।
आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, होम्योपैथी आदि मेडिकल सिस्टम किसी बीमारी को ठीक करने की पूरी क्षमता रखते हैं। इन पर विश्वास करें। अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद से ही बनी हैं इसलिए आयुर्वेद की इज्जत करना बहुत जरूरी है।
इसे खाने से आपका शरीर दोबारा नया बन जाएगा
फल (Fruits)
रोज सुबह खाली पेट लगभग 500 ग्राम फल खाने से शरीर नया बनने लगता है। फलों में Natural Vitamins और Natural Minerals होते हैं जो हमारे शरीर में पूरी तरह से Digest होतें हैं
इसलिए यह पूरी तरह से पचने के बाद कोई मेटाबॉलिक वेस्ट नहीं करते हैं या फिर पचने के बाद यह बहुत कम मेटाबॉलिक वेस्ट बनाते हैं इसलिए उनके पचने के बाद शरीर में किसी तरह की कोई गंदगी नहीं बनती है।
सलाद (Salad)
सलाह यानि कोई भी कच्ची सब्जी जो आसानी से खाई जा सके जैसे मूली, गाजर, ककड़ी, खीरा, टमाटर, चुकंदर आदि। सलाद को रोज खाना खाने से पहले 200 ग्राम तक खा सकते हैं। इसे खाने के बाद घर पर बना हुआ खाना खाएं।
ऐसा करने पर पाचन अच्छा हो जाता है शरीर में जमा गंदगी बाहर निकल आएगी और किसी भी खतरनाक दवाई का असर कम हो जाएगा और लीवर, किडनी नए जैसे बनने लगेंगे।
ग्रीन चटनी
ठण्ड के दिनों में रोज सलाद के ऊपर आंवला, धनिया, अदरक, टमाटर आदि को मिलाकर बनाई गई चटनी डालकर खाएं, जिसे हम ग्रीन चटनी बोलते हैं। इसे सलाद में डालकर खाने पर सलाद टेस्टी और बहुत ज्यादा लाभदायक बन जाता है।
दोस्तों इस तरह से खाते रहने और थोड़ी बहुत एक्सरसाइज और पार्क में टहलने से आपका शरीर बदलने लगेगा पाचन अच्छा हो जाएगा। मूड अच्छा रहने लगेगा शरीर में ताकत महसूस होने लगेगी और आप फिर से खुद को ऊर्जावान पाएंगे।