Fever Will Go Down Without Medicine-Lower Leg Hot Water Immersion अब बुखार आए तो पैरासिटामॉल नहीं इस तरह गरम पानी में पैर रखकर गायब करें बुखार

Fever Will Go Down Without Medicine-Lower Leg Hot Immersion


जब भी हमें फीवर आता है हम तुरंत ही बुखार उतारने वाली मेडिसिन जैसे - पैरासिटामॉल आदि खा लेते है यह सोचते हुए कि इससे बुखार ठीक हो जायेगा, लेकिन बढ़े हुए तापमान को अचानक मेडिसिन लेकर कम करना बहुत ही खतरनाक है। क्योंकि बुखार में बढ़ा हुआ तापमान शरीर के लिए लाभदायक लेकिन मेडिसिन खाकर बढ़े हुए तापमान को कम करना जानलेवा साबित हो सकता है और ऐसा करने से बुखार बार-बार आता है। 

Highlights-

  • फीवर आपके शरीर का दोस्त। 
  • फीवर में मेडिसिन लेना है खतरनाक। 
  • फीवर की मेडिसिन शरीर में करती है साइड इफ्फेक्ट। 
  • गर्म पानी में दोनों पैरों को रखकर बुखार ऐसे ठीक करें।  

फीवर आपके शरीर का दोस्त:

जब भी कोई बैक्टीरिया या वायरस हमारे शरीर में एंट्री करता है तो उसे मारने के लिए शरीर अपना तापमान बढ़ाता है क्योंकि बढ़े हुए तापमान और  इम्मून सिस्टम की मदद से शरीर उस बैक्टीरिया या वायरस को मार देता है, जिससे थोड़े समय में बुखार आपने आप नार्मल हो जाता है। 

बुखार में मेडिसिन लेना है खतरनाक:

जब फीवर आने पर आप फीवर को कम करने की मेडिसिन लेते हैं तो फीवर तो कुछ समय के लिए चला जाता है लेकिन वह बैक्टीरिया बिना मरे ही शरीर में रहता है जिसे मारने के लिए शरीर बार-बार अपना तापमान बढ़ाता है जिससे शरीर को इस इन्फेक्शन से लड़ने के लिए बहुत टाइम लग जाता है और इन्फेक्शन लम्बे समय तक रहता है। 

बुखार की मेडिसिन शरीर में करती है साइड इफ्फेक्ट: 

बुखार की मेडिसिन को लेकर काफी सारे क्लीनिकल ट्रायल किये जा चुके हैं इन सभी में ये बात सामने आयी है की बुखार की मेडिसिन शरीर में जाकर लिवर, किडनी और आँतों को सबसे ज्यादा नुकसान करती है, स्टडी में ये बात भी सामने आयी है की बुखार की एंटीबायोटिक मेडिसिन हमारी आँतों के अच्छे बैक्टीरिया को भी मारती है जिससे बाद में आँतों में कब्ज, IBS जैसी बीमारियां होती है। 

प्राकृतिक तरीके से बुखार ऐसे ठीक करें:

Lower leg hot water immersion:

अब जब भी बुखार आये तो आप चुपचाप एक बाल्टी में वाटर हीटर या रॉड की मदद से पानी गरम करें और जब पानी गरम हो जाये तो उसमे से थोड़ा गरम पानी लेकर एक दूसरी बाल्टी में पानी का तापमान 42 डिग्री पर रखें और इसी बाल्टी में आपने दोनों पैरों को डालकर आधे घंटे तक बैठें,
शुरुआत में 42 डिग्री पानी आपको ज्यादा गरम लग सकता है इसलिए  शुरुआत में उसे थोड़ा कम गरम ही रखें जैसे ही आपकी बॉडी एडजस्ट हो जाएगी तो आप आराम से आपने पैरों को गरम पानी में रख पायेंगें पानी 42 डिग्री के आस पास ही रखें, 
पानी का तापमान वाटर थर्मामीटर की मदद से नाप सकते हैं 
यह टेक्निक सबसे ज्यादा असरदार और आसान है जो शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुँचाती और हर बार काम करती है।

यह तकनीक को अस्पतालों में इसलिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योंकि इस तकनीक से पैसा नहीं कमाया जा सकता है और इससे फ्री में कोई भी अपने घर पर आसानी से ठीक हो सकता है।





 
अस्वीकरण- हमारे पृष्ठों की सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए प्रदान की जाती है यह किसी भी तरह से विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है इसलिए आपको इस जानकारी के आधार पर किसी कार्रवाई को लेने
से पहले प्रासंगिक पेशेवर या विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करनी होगी

Himanshu Yadav

Hello! I am a Medical Nutritionist and Ayurveda Expert. My aim is to educate people about evidence based nutrition, treating diseases without harmful drugs, aware people about medical frauds. Nowdays allopathic industry is killing humanity just to make more and more money so best way to deal this is - BE YOUR OWN DOCTOR. We are helping you in this process, Thank you so much.

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