गर्मी के मौसम में पांच चीजें खाना ना भूलें Don't Forget To Eat These 5 Things In Summer


Don't Forget To Eat These 5 Things In Summer

गर्मी के मौसम में पांच चीजें खाना ना भूलें

गर्मी का मौसम जब अपने चरम पर होता है तब लोगों को खुजली, घमौरी, शरीर में गर्मी, डायरिया आदि समस्याएं होने लगती हैं। इस मौसम में हमें अपने खान-पान और दिनचर्या का खास ध्यान रखना पड़ता है नहीं तो हमें अस्पताल में भर्ती होने की नौबत तक आ जाती है

अस्पताल में मची लूट से आप भली भांति परिचित होंगें। इस आर्टिकल में हम ऐसी पांच चीजों के बारे में बात करेंगे जो गर्मी के मौसम में लेने से आप हमेशा स्वस्थ बने रहेंगे।


1. घड़े का पानी (Mud Pot Water- Acidic And Alkaline Water)

( एसिडिक और एल्कलाइन पानी )


RO का पानी प्रकृति में एसिडिक होता है अगर आप इस पानी को PH स्केल पर चेक करेंगे तो आप पाएंगे की PH का मानक 7 से काफी ज्यादा नीचे आएगा जिसका मतलब है, RO का पानी एसिडिक होता है।


लेकिन अगर आप यही RO का पानी एक साफ सुथरे मिट्टी के घड़े में रख देंगे तो 12 घंटे बाद आप अगर दोबारा इस पानी को चेक करते हैं तो आप पाएंगे PH स्केल पर इसका मानक 7 से ऊपर होगा यानी अल्कलाइन या क्षारीय हो जाएगा।

यह अल्कलाइन पानी आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि हमारी बॉडी अल्कलाइन पानी से काफी सारी बीमारियों से फाइट करती है और अल्कलाइन पानी पीने से शरीर भी एल्कलाइन बनता है साइंस यह मानती है की एल्कलाइन बॉडी में बीमारी कभी नहीं होती।


जब हम एसिडिक पानी पीते है तब हमारा शरीर उसे अल्कलाइन में बदलकर उसे पचाता है लेकिन इस प्रक्रिया में उसको शरीर में स्टोर किया हुआ मिनरल जैसे- कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम आदि खर्च करना पड़ता है जो शरीर के लिए अच्छा नहीं है इससे शरीर में मिनरल बैलेंस ख़राब होता है और शरीर में इन जैसे मिनरल्स की कमी हो जाती है फिर आप कैल्शियम की गोलियां खाते फिरते है।


2. धागा मिश्री और सौंफ का पानी (Thread Mishree And Fennel Water)


धागा मिश्री क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया से बनता है स्वाद में मीठी और तासीर में ठंडी होती है इसलिए इसे गर्मी के मौसम में लेना बहुत अच्छा होता है और सौंफ की तासीर गर्म होती है लेकिन पानी में कुछ देर भिगोने पर यह गर्मी में पाचन में बहुत अच्छा काम करती है।

ऐसे करें इस्तेमाल-

रात को सोते समय एक गिलास में एक छोटा टुकड़ा मिश्री और एक चुटकी सौंफ डालकर छोड़ दें और सुबह ब्रश करने के बाद इसे पीने से शरीर में ठंडक और पाचन सही रहता है। मिश्री को कूटकर चूर्ण बनाकर इसे छाछ, दूध, शरबत, दही आदि में डालकर खा सकते हैं।

यह केमिकल रहित होती है, और कई मायनों में सल्फर युक्त चीनी से बेहतर होती है।

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3. प्राकृतिक पानी और मिनरल युक्त फल और सलाद (Fruits And Salad)


गर्मी के मौसम में भगवान ने हमें दर्जनों तरह के फल और सलाद दिए हैं जिन्हें खाकर हमें गर्मी से राहत मिलती है तथा हम हमेशा स्वस्थ बने रहते हैं। गर्मी में आने वाले कुछ फल और सालाद- तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा, नारियल पानी, मीठे आम आदि। गर्मी के मौसम में इन्हें खाने से हमारे शरीर में पानी और मिनरल की कमी महसूस नहीं होती हम हमेशा एनर्जेटिक महसूस करते हैं।


4. गोंद कतीरा (Gond Kateera)


गोंद कतीरा पौधे से प्राप्त एक तरह का गोंद है जिसकी तासीर ठंडी होती है यह प्राकृतिक मिनरल से भरपूर होने के साथ-साथ गर्मी में शरबत और करी में इस्तेमाल किया जाता है यह एक प्राकृतिक kari Thickener है जो किसी भी भोजन को गाढ़ा और टेस्टी बनाने में मदद करता है इसलिए रात में थोड़ा सा भिगोकर रखने पर यह सुबह फूल कर बहुत पर्याप्त हो जाता है इसके बाद इसका इस्तेमाल शरबत आदि में किया जाता है।


5. शुद्ध दूध से बनी मिठाई, आइसक्रीम और ठंडी खीर (Sweet, Icecream Cold Kheer Made Up Of Organic Milk)


आयुर्वेद के अनुसार गर्मी के मौसम में मीठा भोजन शरीर में ठंडक प्रदान करता है अगर आपका वजन सामान्य है और आप डायबिटीज जैसी समस्या से पीड़ित नहीं है तो आप दूध से बनी मिठाई, खीर आदि का आनंद ले सकते हैं यह मन और शरीर दोनों को शांत रखता है इसलिए इस मौसम में बिना किसी गिल्ट के आप मीठी चीजों का सेवन कर सकते हैं।



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अस्वीकरण- हमारे पृष्ठों की सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए प्रदान की जाती है यह किसी भी तरह से विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है इसलिए आपको इस जानकारी के आधार पर किसी कार्रवाई को लेने से पहले प्रासंगिक पेशेवर या विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करनी होगी। 




Himanshu Yadav

He is certified medical nutritionist from Lincoln University Malaysia. He also worked for hospital and healthcare in radiology department. At hospital he observed that the doctors do not recommend diet and lifestyle modification even in simple diseases, that bring author to understand Nutrition, Natural science and Ayurvedic science. He loves to read and write about health and wellness. He is also passionate to treat diseases with out harmful drugs.

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