मानव शरीर के लिए लिविंग फूड क्यों है जरूरी
लिविंग फ़ूड या ऐसे भोजन जिसमें जीवन हो, लेकिन इसका मतलब नॉनवेज बिल्कुल नहीं है ऐसा भोजन जो माँ प्रकृति से आता हो। मां प्रकृति ने पृथ्वी पर इन लिविंग सुपरफूड गिफ्ट किया जैसे- फल, सब्जियां, नट्स, प्राकृतिक औषधियां, आनाज, दालें आदि।
इसमें ऐसी शक्तियां होती है जो किसी भी बीमार आदमी को स्वस्थ बनाने में चमत्कार करती हैं। इस आर्टिकल में लिविंग फूड और उसके खाने के तरीके के बारे में जानेंगे।
लिविंग फूड VS डेड फूड (Living Food Vs Dead Food)
हमारा शरीर 70% पानी का बना हुआ है। उम्र के साथ इस पानी के प्रतिशत में कमी होने लगती है जिससे शरीर बूढ़ा होने लगता है और एक समय ऐसा आता है वह जब यह 50% तक आ जाता है लेकिन इस समय तक तो इंसान मृत्यु के मुंह में जा चुका होता है। फल और सब्जियों में मौजूद पानी और पोषक तत्व मानव शरीर को एक नई ऊर्जा देते हैं। लिविंग फूड खाने से इंसान की आयु बढ़ जाती है।
डेड फ़ूड में ये सारे प्रोडक्ट आते हैं-
रिफाइंड और पैकेट के खाने जिसमें कोई लाइफ और कोई एंजाइम नहीं होता ये प्रोडक्ट पेट तो भर देते हैं लेकिन शरीर में नया जीवन नहीं दे पाते जैसे - बिस्किट, नमकीन, ब्रेड, चॉकलेट आदि।
लिविंग फूड इंसानों के लिए सबसे बढ़िया (Living Food Is Best For Human Being)
लिविंग फ़ूड में सीजन के फल, सीजन की सब्जियां, सीजन के बीज, सीजन के अनाज आदि होते हैं भगवान ने हमें हर मौसम में अलग-अलग तरह के कलर के फल और सब्जियां दी हैं जो अलग-अलग एनर्जी और पोषक तत्वों को धारण करते हैं इंसान को अपनी एनर्जी यानी अपने प्रकृति को पहचान कर इन जीवित भोजन को करना चाहिए।
सेब और बर्गर को दो गढ्ढों में डालने का प्रयोग (Experiment of apple and burger)
एक सेब और एक बर्गर लें। किसी पार्क या खेत में जाकर दो छोटे-छोटे गड्ढे खोदे। एक गढ्ढे में सेब और दूसरे गड्ढे में बर्गर को डालें। इस पर मिट्टी डालकर उन्हें ढक दें। 2 हफ्ते बाद इन गढ्ढों को खोल कर देखेंगे तो पाएंगे की सेब वाले गड्ढे में सेब आपको नहीं मिलेगा लेकिन बर्गर वाले गड्ढे में आपको बर्गर बिल्कुल वैसा का वैसा मिलेगा।
इस प्रयोग का निष्कर्ष यह है कि भगवान के बनाए गए खाने यानी सेब को तो कीड़े-मकोड़े भी खा गए। लेकिन वह इंसान के बनाये केमिकल युक्त खाने यानि बर्गर को भाव तक नहीं दिया। यानी इन कीड़े-मकोड़ों को भी पता है कि क्या खाना है और क्या नहीं। बस हम इंसान ही बेवकूफ बनकर इन बड़ी कंपनियों के जाल में फंसकर खतरनाक Chemical और Preservative वाली चीजें खाते रहते हैं जो की उसकी बीमारी का कारण बनता है।
कीड़े-मकोड़े ने क्यों नहीं खाया बर्गर (Why worm and insects did not eat burger)
बर्गर बनाने वाली कंपनियां अपने इस तरह के खाने में बहुत सारा प्रेज़रवेटिव इस्तेमाल करती हैं। जिसकी वजह से इनके खराब होने की अवधि बहुत लंबी हो जाती है। कई बार इनके ख़राब होने की अवधि तो सालों तक हो जाती है। यह खतरनाक केमिकल की वजह से कीड़े-मकोड़े भी इसे खाने से बचते हैं।
हमारे शरीर में इन चीजों से नुकसान न हो इसलिए घर के बनाये हुए खाने पर भरोसा रखें और उससे जुड़े नहीं तो यह बड़ी-बड़ी कंपनियां हमें बर्बाद कर देंगीं।
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